नीम से होगा कोरोना का इलाज: फेफड़ों में संक्रमण रोकने में मददगार

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दिल्ली । भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों का दावा है कि नीम की छाल से कोरोना संक्रमण को रोका व इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। उन्हें उम्मीद है कि कोविड के नए वैरिएंट आने पर नई दवा नहीं तलाशनी पड़ेगी। दोनों देशों के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिये इसका पता लगाया है।

कई तरह की शारीरिक बीमारियों को ठीक करने में एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले नीम से अब कोरोना का भी इलाज हो सकता है। भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों का दावा है कि नीम की छाल से कोरोना संक्रमण को रोका व इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। 

जानवरों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नीम की छाल के रस का प्रभाव कोरोना संक्रमित फेफड़ों पर पड़ता है, जो वायरस को बढ़ने के प्रभाव और संक्रमण को कम करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो एनशूट्ज मेडिकल कैंपस और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसइआर) कोलकाता के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिये पता लगाया गया कि नीम की छाल का रस वायरस के स्पाइक प्रोटीन से चिपकने में सक्षम है। इससे कोरोना वायरस इंसानी शरीर के होस्ट सेल्स को संक्रमित नहीं कर पाएगा।

जर्नल वायरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों का उद्देश्य कोरोना के खिलाफ नीम पर आधारित दवा बनाना है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि हर बार नया कोरोना वैरिएंट आने पर नए उपचार विकसित नहीं करने होंगे।

अस्पताल में भर्ती होने का खतरा टलेगा
वैज्ञानिक मारिया नेगल ने कहा कि जिस तरह गला खराब होने पर हम पेनिसिलिन की गोली खाते हैं, उसी तरह कोरोना होने पर नीम से बनी हुई दवा का इस्तेमाल होगी। इससे गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बहुत कम हो जाएगा।

दवा बनाकर तय की जाएगी खुराक
वैज्ञानिकों के मुताबिक, फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि नीम की छाल के रस का कौन सा कॉम्पोनेंट कोरोना के खिलाफ काम करता है। इसके बाद नीम से एंटी वायरल दवा बनाकर उसकी खुराक तय की जाएगी।

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