आख़िर कहां गया पकड़ा गया तस्करी का बैट्री : सुरक्षा एजेंसी पर लग रहा 35 हजार लेनेका आरोप

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ठुठीबारी (भारत), २२ पुष ।  नेपाल-भारत की सीमा पर तस्करी अब आम बात हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों की मदद से तस्कर अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे है। शनिवार की दोपहर एक ऐसी घटना सुनने को मिली जिससे सभी हैरत में है। एक तरफ गणतंत्र दिवस के मद्देनजर भारतीय सीमा क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी किया गया है।

वही दूसरी तरफ इससे इतर सुरक्षा एजेंसियां अपनी जेब गर्म कर तस्कर व तस्करी को बढ़ावा देने में लगी है। नवलपरासी के हरपुर से होकर 70 अदद भारी वाहनों की बैट्रियां भारतीय क्षेत्र में आ रही थी कि इसकी सूचना सीमा की निगहबानी करने में लगी एजेंसी को हुआ। मौके पर पंहुच मामले को 35 हजार रुपए का लेनदेन कर मामले को मैनेज कर दिया गया। जिसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में जोरों पर है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों नेपाली क्षेत्र स्क्रैप की तस्करी ने काफी जोर पकड़ा हुआ है। जिसमें नेपाल से वाहनों के माध्यम से भारतीय क्षेत्र ठूठीबारी की तरफ भेजा जाता वही भारतीय क्षेत्र से बियर की बोतलों की तस्करी नेपाल को की जा रही है। जिसमें सुरक्षा एजेंसियों को भारी भरकम माहवारी दी जा रही है। शनिवार की दोपहर ऐसा कुछ हुआ जिससे चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

नवलपरासी के हरपुर की तरफ से ठेलों पर लादकर भारतीय क्षेत्र के ठूठीबारी पंहुचाये जाने का काम चल ही रहा था कि इसकी सूचना स्थानीय एक एजेंसी को लग गई। मौके पर जवान पंहुच मोलभाव शुरू कर दिया गया और 70 बड़ी बैटरियों के एवज में 35 हजार रुपये की रकम ले उसे फिर तस्कर को सुपूर्द करा दिया गया।

जब इस बावत एसएसबी बीओपी कमाण्डर विश्वदीपक त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना था कि 50 हजार से कम की रिकवरी का आदेश हमें नही है। इस कारण उसे वापस नेपाल भेजवा दिया गया। वही इस बावत कस्टम्स अधीक्षक राजीव विस्वास ने ऐसा कुछ होने से इंकार किया। उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में ऐसा कुछ मामला नही है।

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